तुंगनाथ मंदिर का निर्माण 10वीं शताब्दी में हुआ था और यह पांच मंदिरों में से एक है जो पंच केदार मंदिरों का हिस्सा है। यह मंदिर मुख्य रूप से शिव को समर्पित है और उत्तराखंड में शिव के साथ जुड़ी कई कथाएं जुड़ी हुई हैं।
तुंगनाथ मंदिर भारतीय धर्म एवं संस्कृति के इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और यहाँ के दृश्यों का आनंद लेने के लिए लोग भ्रमण करते हैं।
चंद्रशिला तुंगनाथ मंदिर के ऊपर शिखर है । यह मंदिर तुंगनाथ मंदिर से लगभग 1.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। चंद्रशिला एक पर्वत शिखर है जो तुंगनाथ मंदिर के बाहर स्थित है। यहाँ से आप हिमालय की खूबसूरत झीलों, चोटियों और देवभूमि के दृश्यों का आनंद ले सकते हैं। यह चोटी नंदादेवी, त्रिशूल, केदार चोटी, बंदरपूंछ और चौखंबा चोटियों सहित हिमालय के दृश्य प्रदान करती है।
चंद्रशिला तुंगनाथ मंदिर की ऊंचाई लगभग 12,110 फीट (3,690 मीटर) है। इसका नाम संस्कृत शब्द "चंद्रशिला" से लिया गया है, जो चांद के समान दिखता है। यहाँ पर ट्रेकिंग करने वाले लोग बड़े समुदाय से जुड़ सकते हैं जो यहाँ के स्थानों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करते हैं।
चंद्रशिला तुंगनाथ मंदिर यात्रा भारत में पर्वतारोहण के शौकीन लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय है। यहाँ ट्रेकिंग करने के लिए सबसे अच्छा समय मार्च से जून और सितंबर से नवंबर तक होता है।